वतन इज़्ज़त शोहरत नाज़ वतन की खुशबु खास वतन के जर्रे जर्रे की मुस्कान वतन इज़्ज़त शोहरत नाज़ वतन की खुशबु खास वतन के जर्रे जर्रे की मुस्कान
जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा
वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हमपे वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हम...
मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा
वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकेंमेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसाने का वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकेंमेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसान...
रे विचित्र परिवेश! तज मानवता, धर दानवता छोड़ स्वयं का वेश! रे विचित्र परिवेश! तज मानवता, धर दानवता छोड़ स्वयं का वेश!